Tuesday, October 25, 2011

जो बात दिल से निकली सत्य है


सोच लो , समझ लो ,
चाहे कितनी ही योजनायें बना लो ,
सत्य समझने की कितनी भी कोशिश कर लो,
कितना भी भूलो-भटको तुम,
अंत में यही पाओगे की,
जो बात दिल से निकली सत्य है.

तुम चले हर जगह.भटके हर जगह,
ना जाने कितने लोगों से मिले,
सबके अलग अलग विचार सुने,
उनकी राह पर चले, गिरे, संभले,
रोये,टूटे और फिर दम से आगे बढे ,
कभी सोचा है की इतनी हिम्मत आई कहा से?
इतना सहना आखिर तुम चाहते क्यों हो?
कितना भी समझ डालो,कितनी भी कोशिशें कर डालो,
अंत में येही पाओगे की,
जो बात दिल से निकली सत्य है.

राह हैं बटी हुई,सौ राहें बनी हुई,
पर तुम्हारे लिए तो एक ही बनी थी, है और रहेगी,
तुम्हारे लिए तो एक ही राह भगवान् ने चुनी,
अपनी आत्मा की आवाज़ को सुनने की आदत डालो,
अपना सत्य स्वयं पहचानो,
तब सारी पहाड़ सी मुश्किलें तिनके में बदल जाएँगी,
और वो सच्ची राह तुम्हे तुम्हारा सरल परिचय कराएंगी, 
तब तुम अंत में यही पाओगे की,
जो बात दिल से निकली सत्य है.

दिल की आवाज़ दबती नहीं लाख दबाई जाये,
खुद से कभी तुम छुप नहीं सकते लाख छुपने की कोशिश की जाये,
दबाना है अगर तो तर्क को दबाओ,
जीवन में तर्क के बजाये दिल का वजूद बढाओ,
तब ये श्रृष्टि तुम्हारे कदम चूमेगी,
तुम्हारे इर्द गिर्द सारी दुनिया घूमेगी,
तब तुम ये समझ जाओगे की,
जो बात दिल से निकली सत्य है.

जो करना है आज कर डालो, जो कहना है आज कह डालो,
मौत का भय किसी को जीने नहीं देता,
मरता हर कोई एक बार है बार बार कोई नहीं मरता,
जब इस हिम्मत से तुम आगे बढोगे,
तब हर सर तुम्हारे आगे सजदे करेंगे,
तब सच में समझोगे तुम,
जो बात दिल से निकली सत्य है.

जो जिद्द करते हैं उन्ही का ये जहाँ सारा है,
बिना जिद्द के बताओ किसने कहाँ क्या परबत उखाड़ा है,
जिद्द करो इस जीवन में, यह तुम्हारा है,
इसका सफल  प्रयोग इश्वर ने तुम्हारे हाथ में डाला है,
चलो आगे बढ़ो ये संसार तुम्हारा है,
तब अंत में येही पाओगे की,
जो बात दिल से निकली सत्य है.


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